रतन टाटा की कंपनी में करते थे नौकरी, एक कमरे से शुरू किया बिजनेस, अब 13,500 करोड़ के मालिक

नई दिल्‍ली: भरत देसाई कारोबारी जगत में जाना-माना नाम हैं। उनकी गिनती दुनिया के बड़े दौलतमंदों में होती है। IIT बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने वाले देसाई ने 1976 में रतन टाटा की कंपनी TCS में काम करते हुए अमेरिका का रुख क

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नई दिल्‍ली: भरत देसाई कारोबारी जगत में जाना-माना नाम हैं। उनकी गिनती दुनिया के बड़े दौलतमंदों में होती है। IIT बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने वाले देसाई ने 1976 में रतन टाटा की कंपनी TCS में काम करते हुए अमेरिका का रुख किया। लेकिन, उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं होती। उन्होंने अपनी पत्नी नीरजा सेठी के साथ मिलकर 1980 में सिर्फ 2,000 डॉलर (1.5 लाख रुपये) के निवेश से IT कंसल्टिंग और आउटसोर्सिंग कंपनी सिंटेल (Syntel) की शुरुआत की। यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत मिशिगन में अपने एक कमरे के अपार्टमेंट से की थी। उनकी मेहनत और लगन रंग लाई। आज वह 1.6 अरब डॉलर (लगभग 13,501 करोड़ रुपये) की संपत्ति के मालिक हैं। आइए, यहां भरत देसाई की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

IIT बॉम्बे के पासआउट

IIT बॉम्बे के पासआउट

भरत देसाई का जन्म नवंबर 1952 में केन्या में हुआ था। उनका पालन-पोषण भारत में हुआ। उन्होंने IIT बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। देसाई ने स्टीफन एम रॉस स्कूल ऑफ बिजनेस से फाइनेंस में MBA भी किया। 1976 में देसाई TCS के साथ एक प्रोग्रामर के रूप में जुड़कर अमेरिका चले गए। TCS में काम करते हुए उनकी मुलाकात नीरजा सेठी से हुई, जिनसे उन्होंने शादी कर ली।

अपार्टमेंट से शुरू किया बिजनेस

अपार्टमेंट से शुरू किया बिजनेस

मियां-बीवी मिशिगन में एक अपार्टमेंट में रहते थे। तभी उन्होंने अपनी कंपनी शुरू करने का फैसला किया। देसाई ने 1980 में पत्नी नीरजा सेठी के साथ मिलकर अपनी IT कंसल्टिंग और आउटसोर्सिंग कंपनी सिंटेल की शुरुआत की। अपने पहले ही साल में सिंटेल ने बिक्री में 30,000 डॉलर कमाए। 2018 तक कंपनी का रेवेन्‍यू बढ़कर 90 करोड़ डॉलर तक पहुंच गया। इसने फ्रांसीसी आईटी कंपनी Atos SE का ध्यान खींचा।

Atos SE ने किया सिंटेल का अधिग्रहण

Atos SE ने किया सिंटेल का अधिग्रहण

Atos SE ने सिंटेल का 3.4 अरब डॉलर (लगभग 28,000 करोड़ रुपये) कैश में अधिग्रहण किया था। हालांकि, बाद में Atos की ओर से देसाई पर मुकदमा दायर किया गया था। कंपनी ने उन पर विलय से पहले देनदारियों को छिपाने का आरोप लगाया था। मामला 2023 में खारिज कर दिया गया था। देसाई अब अपने परिवार के साथ फिशर आइलैंड, फ्लोरिडा में रहते हैं। परोपकारी कामों का वह समर्थन करते हैं। देसाई डेट्रॉइट की 'पेंट द टाउन' पहल में शामिल हैं।

कई पुरस्‍कारों से किया जा चुका है सम्‍मानित

कई पुरस्‍कारों से किया जा चुका है सम्‍मानित

भरत देसाई को 1996 में USA टुडे और NASDAQ की ओर से 'एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फोर्ब्स ने सिंटेल को 'अमेरिका की सर्वश्रेष्ठ 200 छोटी कंपनियों' में से एक के रूप में भी मान्यता दी है। देसाई की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो एक सफल बिजनेस शुरू करने का सपना देखते हैं। उन्होंने ऊंची वेतन वाली नौकरी छोड़कर अपने दम पर एक कंपनी खड़ी की जो आज दुनिया की जानी-मानी कंपनियों में से एक है। देसाई ने यह साबित कर दिया कि अगर आपके पास दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत करने का जज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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